IEO Level 2- English Olympiad (SOF) Class 5 Coaching Programs
⏳ 🎯 Online Tests (2 Tests [50 Questions Each]): NTA Pattern, Analytics & Explanations
Click Here to View & Get Complete Material
Rs. 200.00
3 Year Validity (Multiple Devices)
🎓 Study Material (184 Notes): 2024-2025 Syllabus
Click Here to View & Get Complete Material
Rs. 350.00
3 Year Validity (Multiple Devices)
🎯 250 MCQs (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)
Click Here to View & Get Complete Material
Rs. 200.00
3 Year Validity (Multiple Devices)
सर्वनाम: Many Practice Questions Available at ExamPYQ. Com
सर्वनाम की परिभाषा- वाक्यों में संज्ञा की पुनरावृत्ति बचाने के लिए संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, वे ‘सर्वनाम’ कहे जाते हैं। ‘सर्व’ का अर्थ होता है ‘सबका’ अर्थात् जो शब्द सब नामों (संज्ञाओं) के स्थान पर प्रयुक्त हो सकते हैं, वे सर्वनाम कहे जाते हैं।
सर्वनाम: भेद-प्रभेद
सभी सर्वनाम एक ही प्रकार के नहीं होते। सर्वनाम के छह भेद किए जाते हैं:
पुरुषवाचक | मैं⟋हम, तू⟋तुम⟋आप वह⟋वे |
निश्चयवाचक | यह (समीपवर्ती) , वह (दूरवर्ती) |
अनिश्चियवाचक | कोई (प्राणीवाचक) , कुछ (अप्राणीवाचक) |
प्रश्नवाचक | कौन (प्राणीवाचक) , कुछ (अप्राणीवाचक) |
संबंधवाचक | जो … सो (वह) |
निजवाचक | आप (स्वयं, खुद) |
पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा- जब हम बातचीत करते हैं तो कोई-न-कोई श्रोता हमारे सामने अवश्य होता है। कभी तो हम अपने बारे में बात करते हैं, कभी सामने वाले (श्रोता) के बारे में और कभी किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में जो वहाँ उस समय उपस्थित नहीं होता। ऐसी स्थिति में इन तीनों ही व्यक्तियों (पुरुषों) -बोलने वाले, सुनने वाले तथा जो वहाँ उपस्थिति नहीं है के लिए जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करते हें, वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहे जाते हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद-
• उत्तम पुरुष- वक्ता या बोलने वाला व्यक्ति अपने नाम के स्थान पर जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है, वे उत्तम पुरुष सर्वनाम कहे जाते हैं। मैं (एकवचन) तथा हम (बहुवचन) इसके अंतर्गत आते हैं।
• मध्यम पुरुष- वक्ता के दव्ारा श्रोता के नाम के स्थान पर जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुष सर्वनाम कहते हैं। तू, तुम तथा आप मध्यम पुरुष सर्वनाम के उदाहरण हैं।
• अन्य पुरुष- वक्ता तथा श्रोता से भिन्न अनुपस्थित अन्य तीसरे व्यक्ति या वस्तु के स्थान पर जिस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है, वह अन्य पुरुष सर्वनाम कहलाता है। अन्य पुरुष सर्वनाम के अंतर्गत वह (एकवचन) तथा वे (बहुवचन) रूप आते हैं।
निश्चयवाचक सर्वनाम - वे सर्वनाम जो किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना आदि का निश्चित बोध कराते हैं, निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। यह निश्चित बोध समीप की वस्तुओं का भी हो सकता है तथा दूर की वस्तुओं का भी। दूरवर्ती वस्तु के लिए वह और समीप की वस्तुओं के लिए यह का प्रयोग होता हे।
जैसे
• (दूर पड़ी किताब के लिए) - वह ले आओ।
• (पास रखी घड़ी के लिए) -यह लाना ज़रा।
प्राय: इन पास और दूर की वस्तुओं के लिए इशारा या संकेत भी किया जाता है, अत: निश्चयवाचक सर्वनाम को संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं।
अनिश्चियवाचक सर्वनाम-कभी-कभी ऐसा भी होता है कि किसी वस्तु या व्यक्ति का हमें आभास तो रहता है, परन्तु निश्चयपूर्वक यह बताना कठिन होता है कि वह वस्तु क्या है या वह व्यक्ति कौन है। किसी वस्तु या व्यक्ति के संबंध में जब इस प्रकार की अनिश्चियपूर्ण स्थिति हो, तब जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है वे अनिश्चियवाचक सर्वनाम कहे जाते हैं। अत: अनिश्चयवाचक सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जिनसे किसी निश्चित व्यक्ति, प्राणी अथवा वस्तु का बोध न होता हो।
जैसे-
§ मुझे ऐसा लगा जैसे झाड़ियों में कोई खड़ा है
§ आपको कोई बुला रहा है
§ कुछ खाकर बाहर जाना।
§ बच्चों के लिए बाजार से कुछ ले आना।
इन वाक्यों में कोई तथा कुछ के प्रयोगों से स्पष्ट है कि वक्ता जिस व्यक्ति के बारे में बोल रहा है या जिन वस्तुओं को खाने या बाज़ार से मँगाने की बात कर रहा है उनके विषय में वह निश्चित नहीं हैं।
प्रश्नवाचक सर्वनाम- अनेक बार हमारे मन में किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी या किसी घटना (क्रिया) के संबंध में प्रश्न उठते रहते है कि वह व्यक्ति कौन है, वह वस्तु या घटना क्या थी आदि वहां प्रश्नवाचक सर्वनाम का प्रयोग करते हैं;
जैसे
§ आप आज शाम को क्या कर रहे हैं?
§ मेरे साथ कौन चलेगा?
§ इन किताबों में से काेैन-सी चाहिए आपको?
§ व्रत के दिन आप क्या खाते हैं?
इस प्रकार जो सर्वनाम किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, घटना आदि के बारे में प्रश्न का बोध कराते हैं, प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
संबंधवाचक सर्वनाम-कुछ सर्वनाम ऐसे होते हैं जो प्रधान उपवाक्य में आए संज्ञा या सर्वनामों के साथ आश्रित उपवाक्यों का संबंध जोड़ने का कार्य करते हैं। ऐसे सर्वनामों को संबंधवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसे-
• वह लड़का पकड़ा गया, जो कल यहाँ आया था
• यह वही फ़िल्म है जिसे तुम देखना चाहते थे।
• जो झूठ बोलता है वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
अन्य उपवाक्यों के संज्ञा⟋सर्वनामों के साथ संबंध स्थापित करने वाले ये सर्वनाम संबंधवाचक सर्वनाम कहे जाते हैं।
निजवाचक सर्वनाम- निज शब्द का अर्थ होता है -अपना । जिन सर्वनामों का प्रयोग स्वयं के लिए किया जाता है वे निजवाचक सर्वनाम कहे जाते हैं।
जैसे-
§ मैं स्वयं चला जाऊँगाा।
§ वह अपनेआप ही अंदर आया था।
सर्वनाम की रूप-रचना
सर्वनामों में परसर्गों के प्रभाव से रूप परिवर्तन होता है। विभिन्न सर्वनामों के निम्नलिखित चार रूपावली वर्ग बनाए जा सकते हैं-
§ रूपावली वर्ग-Iपुरुषवाचक सर्वनाम
§ रूपावली वर्ग- II निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक
§ रूपावली वर्ग -III अनश्चियवाचक
§ रूपावली वर्ग- IV निजवाचक
नोट (ध्यान देने योग्य) -सर्वनाम लिंग के आधार पर परिवर्तित नहीं होते तथा सर्वनाम शब्दों का संबोधन रूप नहीं होता।